सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस एके पटनायक की देखरेख में सीवीसी ने सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की थी। उन्होंने रविवार को कहा कि वह चयन समिति की गति को देखकर हैरान हैं जिसने सीवीसी की भारी-भरकम रिपोर्ट को देखकर 24 घंटे से भी कम समय में वर्मा को पद से हटाने का फैसला लिया।
टाइम्स ऑफ इंडिया से हुई बातचीत में जस्टिस पटनायक ने कहा, ‘एनेक्जर के साथ सीवीसी की रिपोर्ट 1,000 पन्नों से ज्यादा की है। मैं इस बात से हैरान हूं कि चयन समिति के सदस्यों ने इतने कम समय में सारे पन्ने कैसे पढ़ लिए, सबूतों को सही माना और यह फैसला लिया कि वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा देना चाहिए। यह सही होता अगर चयन समिति सबूतों को सत्य मानने के लिए थोड़ा सा और समय लेती और फिर फैसला लेती।’